राम कब आओगे?
हे राम! वर्तमान करता ये प्रश्न है! गर वो आदर्श है तो उठता क्यूं प्रश्न है? कृष्ण को राधा तो मिल जायेगी लेकिन अबकी जो आओगे तो सीता ना पाओगे सीता सा अब साहस नहीं किसी में जो वन में निभाए परीक्षा तुमने एक बार मांगी परिणाम कभी ना बताए परीक्षा अब राम की होगी एक नहीं , हर बार होगी जब जब कोई आदर्श बनेगा चुकाना उसे भी सब पड़ेगा राम, फिर कब आओगे? ले कर दाग खुद पर सीता का स्त्रीत्व सिया है तीन मॉं के पुत्र हो कर एक सीता को अंत तक जिया है फिर ये प्रश्न क्यों खड़ा है? सारा संसार इसी में अड़ा है उत्तर देने कब आओगे? स्वर्ण मृग से स्वर्ण लंका तक शूर्प की नाक से अभिमानी के नाभी तक कितने दिन राम भू पर सोए थे? अपनी व्यथा बताने क्या आओगे? वन से वापस जब आए लेकिन सीता फिर भी ना पाए अपना हक पाने कब आओगे? लेकिन अबकी जो आओगे तो सीता ना पाओगे