हे मनुष्य...


कहता खुद को विज्ञान रचयिता
विचार कोई अलग रच ले

प्रकृति पर तेरा वश नहीं
खुद को वश में कर ले

खतरे में आज मानव जाति
फर्ज़ हर कोई समझ ले

हे मनुष्य ,
बात इतनी सी समझ ले


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