१५ अगस्त

 आज १५ अगस्त के इस पावन बेला पर अपने वीरों को नमन करता हुं, आज के ही दिन दोनों भाई चाचा नेहरू और उनके भाई जिन्ना अपनी अपनी पैतृक संपत्ति का बटवारा कर सुख चैन से रहना स्वीकार मात्र किया था और इसी खुशी में शाम को केक काटा गया लेकिन चाचा नेहरू ने केक पेरिस से मंगवाया था इसलिए गांधी जी द्वारा इसका जनता के सामने विरोध किया गया चुकीं आज के ही दिन उनका भी जन्म हुआ था इस वजह से काफी आग्रह के बाद उन्हें केक खाना पड़ा । आज के ही दिन गांधी जी की हत्या कर दी गई, उन्होंने इस पैतृक संपत्ति को बाकी भाईयों में उचित बटवारा करने की सोची लेकिन कुछ दुराचारियों को यह निर्णय सही नहीं लगा और अहिंसा के पुजारी से हिंसा किया । गांधी जी इतने महान व्यक्तित्व हैं कि उन्होंने सारे वीरों की आहुति अपने सर लेली और उनके द्वारा दुश्मनों पर किया गया हिंसा को ढक कर उनका सारा भार संभाल लिया। आज के ही दिन बाबा साहेब आंबेडकर जी भी पैदा हुई थे, चुंकि विदेश से पढ़े लिखे और बड़े संभ्रांत थे इसलिए उन्हें पिछड़ों का नेतृत्व न देकर जाती विशेष का नेतृत्व संभालने को दिया गया ताकि अंग्रेजों द्वारा छूटी हुई कोशिश को पूरा किया जा सके। 

कुछ लोगों से; जो लोग ऐसे अवसर पर नशा आदि के माध्यम से जश्न मनाते हैं क्योंकी वो चाचा नेहरु को कॉपी करना चाहते हैं, उनको मैं सलाह देना चाहता हूं कि नेहरु जी पेरिस से मंगवाते थे। इसलिए कृपया आप लोग नशे का सेवन न करें नहीं तो इस आज़ादी के अवसर पर अनायास ही क्षमता से अधिक गुझिया खा लेंगे और दिन भर नींद आयेगी, शाम को जब उठेंगे तो बिना दिए जलाए ही पटाखे जलाने लगते हैं । फिर जब आप लेटने जाएंगे तो लगेगा कि आप हवा में उड़ रहें है और अगली सुबह सर में दर्द रहेगा, जिससे आप झंडे सड़क पर फेंकने के लिए नहीं निकल पाएंगे। इसलिए कृपया नशे से दूर रहें।

एक बार फिर से आप सभी को शादी के सालगिरह की ढेरों शुभकामनाएं।

जय हिंद।

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