वीडियो कॉलिंग के बाद अगले कदम की उम्मीद
जहाँ महीनों लग जाते थे लोगो को अपने पत्र के जवाब पाने में , आज वीडियो कॉलिंग के माध्यम से पल भर में न सिर्फ वार्ता वरन् एक दूसरे को देख भी लेते है । ये तकनीक का कमाल नहीं तो और क्या है? जब-जब विज्ञान अपनी परीक्षण करता है तब-तब कुछ नया व रोचक जानने को मिलता है फिर वो चाहे अपने आकाश , पृथ्वी , अन्य ग्रह या तकनीक का ही क्षेत्र क्यों न हो ।
जिस तरह विज्ञान ने मंगल के लिए अपनी ताकत लगा दी उसी तरह तकनीक के क्षेत्र में भी वो कहीं आगे निकल चुका है , हाल ही में बंगलोर (भारत) के tone tag कम्पनी ने tone tag तकनीक को लॉन्च किया । विज्ञान की इस प्रगति को देखते हुए लगता है कि वो दिन भी दूर नहीं जब एक दूसरे को देखते हुए बात करते समय दूसरे तरफ की स्मेल भी महसूस हो।
इस क्षेत्र में विज्ञान के परियोजनाओं के बारे में बहुत कुछ नहीं मालूम परंतु मेरे अपने विचार ये बताते है कि शायद इस तकनीक को लाने के लिए पहले दुनिया भर के समेल्स के सैंपल को एकत्रित किया जाएगा तथा उसको डाटा के रूप में बदल कर संचित किया जाए, फिर यही डाटा नए बनने वाले स्मार्टफोन्स में डाल जाएगा उसके बात आप जिससे बात कर रहे हो उसका स्मार्टफोन वहाँ के वातावरण के स्मेल को सेंसिंग के माध्यम से महसूस कर उससे मिलते-जुलते डाटा को वो दूसरी तरफ वाले स्मार्टफोन को ट्रांसफर कर देगा जिसके माध्यम से वो फोन डाटा को पहचान कर अपने डाटा में संचित वही स्मेल को अपने स्मार्टफोन से वातावरण में शामिल कर आपको भी स्मेल महसूस कराने की कोशिश करेगा।
जिस तरह विज्ञान ने मंगल के लिए अपनी ताकत लगा दी उसी तरह तकनीक के क्षेत्र में भी वो कहीं आगे निकल चुका है , हाल ही में बंगलोर (भारत) के tone tag कम्पनी ने tone tag तकनीक को लॉन्च किया । विज्ञान की इस प्रगति को देखते हुए लगता है कि वो दिन भी दूर नहीं जब एक दूसरे को देखते हुए बात करते समय दूसरे तरफ की स्मेल भी महसूस हो।
इस क्षेत्र में विज्ञान के परियोजनाओं के बारे में बहुत कुछ नहीं मालूम परंतु मेरे अपने विचार ये बताते है कि शायद इस तकनीक को लाने के लिए पहले दुनिया भर के समेल्स के सैंपल को एकत्रित किया जाएगा तथा उसको डाटा के रूप में बदल कर संचित किया जाए, फिर यही डाटा नए बनने वाले स्मार्टफोन्स में डाल जाएगा उसके बात आप जिससे बात कर रहे हो उसका स्मार्टफोन वहाँ के वातावरण के स्मेल को सेंसिंग के माध्यम से महसूस कर उससे मिलते-जुलते डाटा को वो दूसरी तरफ वाले स्मार्टफोन को ट्रांसफर कर देगा जिसके माध्यम से वो फोन डाटा को पहचान कर अपने डाटा में संचित वही स्मेल को अपने स्मार्टफोन से वातावरण में शामिल कर आपको भी स्मेल महसूस कराने की कोशिश करेगा।
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