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आत्महत्या : (भाग - 2)

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  विवेक ने देखा कि वो उस पुल के ऊपर है लेकिन न तो बैठा है और न ही वो खड़ा है , विवेक हैरान तो तब हुआ जब उसने नीचे देखा कि पानी में किसी की लाश तैर रही है उसके हाथ पाव फूल गए क्योंकि उस लाश के कपड़े, कद – काठी , गढ़न वही था जो विवेक का था । विवेक को समझने में देर न लगी कि अब वो जीवित नहीं है, उसे बहुत धक्का सा लगा और विलाप में उसके आँसू बहने लगे उसके अंदर जीने की चाह अपने चरम पर पहुँच रही थी, उसे कुछ सूझ ही नहीं रहा था कि अब क्या करूँ ? कहाँ जाऊँ ? विवेक को अपने परिजन के पास जाने की इच्छा होने लगी , बार - बार उन्हीं को याद करता और सोचता कि बस एक बार मिल लेता तो अच्छा रहता , विचार करते हुए उसने गर्दन को शून्य की तरफ उठाया ही था कि उसने देखा दो चमकदार चीजें उसके पास चली आ रही थी उनकी गति इतनी तीव्र थी कि विवेक के पलक झपकते ही वो आकाश से विवेक के पास तक पहुँच गयी, विवेक ने देखा ये तो 2 लोग हैं, विवेक के पूछने पर उन्होंने अपना परिचय दिया, उनके परिचय से विवेक ने अपनी जिज्ञासा सुलझाने के लिए उनसे प्रश्न करता है – विवेक – आप दोनों ही यम के दूत हैं , तो क्या आप लोग मुझे ले जाने आए हैं ? दूत 1 ...

आत्महत्या (भाग 1)

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शनैः शनैः मार्तण्ड (सूर्य) का दबदबा कम होता जा रहा था और निशापति की (चांद) जिम्मेदारी का बोझ बढ़ता जा रहा था , एक तरफ सूर्य देव माँ गंगा को प्रणाम करते हुए विनम्रता में झुके जा रहे थे और दूसरी तरफ चंद्रदेव ने कार्यभार संभालने के लिए उठते हुए माँ की गोद में समा गए, मानों जैसे किसी तराजू के एक पलझे पर सूर्य देव हों और दूसरे पर चंद्रदेव और तराजू पश्चिम की ओर झुक जाने को तैयार था मानों यही न्याय है और है भी । परंतु इस भोगलोक में न्याय तब माना जाता है जब तराजू के पलड़े बराबर हों और न्याय देवी की आँखों पर पट्टी पड़ी हो, लेकिन पट्टी न्याय देवी पर ही क्यूँ ? क्यों सिर्फ स्त्री के आँख बंद कर लेने से ही सब ठीक हो जाए ? या शायद इसी वजह से स्त्री की ही सुनवाई है ! काश कोई न्याय देवता होता तो पुरुषों की भी सुन लेता , यही सब सोचते हुए विवेक सूर्य देव की तरह ही किसी सोच में डूबता जा रहा था उसे नदियों की कल कल के शोर में भी शांति महसूस हो रही थी । थोड़ी ही दूर में नदी के बाएं तरफ बने पुल से एक तेज रफ्तार ट्रेन हॉर्न बजाते हुए गुज़र रही थी उस आवाज़ ने विवेक का यज्ञ भंग किया और विवेक ने अचानक आँखें खोल ली, म...