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ज़िन्दगी : एक पहिया (भाग 1)

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  (चरित्र , कथानक आदि सब काल्पनिक है , किसी व्यक्ति विशेष से सम्बंध संयोग मात्र हैं) फोन खोलेते ढेरों नोटिफिकेशन में एक कमाल की खबर मिली, लम्बे इंतेज़ार के बाद भारतीय रेलवे ने बाकी ट्रेनों को भी हरी झंडी दिखाने का निर्णय लिया, इस निर्णय से भारत के पहिये को फिर गति पकड़ने की उम्मीद मिली। भारतीय रेलवे भारत की अर्थव्यवस्था का बहुत बड़ा हिस्सा है जिससे भारत का हर वर्ग लाभान्वित है इसके दूसरे पक्ष की बात की जाए तो बच्चों से लेकर बूढ़ों तक इसकी यात्रा का स्वाद मानसपटल पर चिरकाल संजोया है और कुछ लोगो के लिए ये यादे जीवन का आधार बन जाती है...       खबर अभी खत्म नहीं हुआ था कि नीलेश ने अपना फोन रख कर किचन की तरफ चल दिया क्योंकि उसे देर हो रही थी, नीलेश IT company में सेल्स विभाग में था, जिस वजह से उसे सर्वे और रिपोर्ट के चक्कर मे अक्सर यात्रा करनी पड़ती थी , " आए दिन की यात्रा से जीवन पहिये  जैसा गोल-गोल घूमने लगा है " हालाँकि अब उसका प्रमोशन हो चुका है , इन यात्राओं की उसको ज़रुरत नहीं। नौकरी लग जाना उसके ऊपर समय से तो फिर बात ही क्या है भारत के मध्य वर्ग मे न...